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सरस्वती हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध मासिक पत्रिका

सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन वर्ष   सरस्वती हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध मासिक पत्रिका थी। इस पत्रिका का प्रकाशन इंडियन  प्रेस , प्रयाग से सन 1900 ई०  में प्रारम्भ हुआ था। 32 पृष्ठ की इस पत्रिका का मूल्य 4 आना मात्र था। 1903 ई० में महावीर प्रसाद द्विवेदी  इसके संपादक हुए और 1920  ई० तक रहे। इसका प्रकाशन प्रारंभ में काशी से होता था । पत्रिका का प्रमुख उद्देश्य गद्य-पद्य के लिए खड़ी बोली को प्रोत्साहन देना था। प्रमुख सम्पादक मण्डल सदस्य  : जगन्नाथदास रत्नाकर, श्यामसुन्दर दास, राधाकृष्ण दास, कार्तिक प्रसाद खत्री, किशोरी लाल गोस्वामी 

व्यंजन संधि किसे कहते है। व्यंजन संधि कितने प्रकार की होती है।

  व्यंजन संधि   व्यंजन ध्वनि के निकट स्वर या व्यंजन के आने से शब्दों में जो परिवर्तन होता है , उसे व्यंजन संधि कहते हैं। व्यंजन संधि के नियम:- वर्ग के पहले वर्ण का तीसरे वर्ण में परिवर्तन यदि वर्ग के पहले वर्ण (क् , च् , ट् , त् प्) के बाद किसी भी वर्ण का तीसरा , चोथा  वर्ग , य र ल व हो या कोई स्वर आ जाए तो वर्ग का पहला वर्ण तीसरे वर्ण में परिवर्तित हो जाता है। जैसे क् का ग् ; च् का ज् ; ट् का ड् ; त् का द् ; प् का ब् हो जाता है। उदाहरण :- सत्                      +            गति                सद्गति उत्                     +             गम                 उद्गम सत्                      +           भावना              सद्भावना जगत्                  +            ईश                   जगदीश वाक्                     +             जाल                 वाग्जाल अच्                    +           अंत                  अजंत सत्                     +             गुण                 सद्गुण वर्ग के पहले वर्ण का पाँचवें वर्ण में परिवर्तन यदि वर्ग के पहले वर्ण (क् , च् , ट् , त् प