क्रियाविशेषण, क्रियाविशेषण के भेद
क्रियाविशेषण
क्रिया
की विशेषता बताने वाले अव्यय शब्द क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण-
1. राम मधुर बोलता है। 2. उसने धीरे से दरवाजा खोला।
3. हमने मीठे फल खाए। 4. माँ ने खाना अच्छा बनाया।
क्रियाविशेषण के भेद
क्रियाविशेषण
के चार भेद होते हैं-
1. कालवाचक क्रियाविशेषण 2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण 4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
कालवाचक क्रियाविशेषण-
वह अव्यय
शब्द जिनसे काल अथवा समय सम्बन्धी जानकारी का बोध हो,
उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे जब, तब, कब, अब, परसों, कल, आज, मासिक, वार्षिक इत्यादि।
उदाहरण-
1. वह कल आएगा। 2. प्रतियोगिता दर्पण मासिक पत्रिका है।
3. तुम अब चले जाओ। 4. तुम्हारे पेपर परसों से हैं।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण-
जिन
अव्यय शब्दों से स्थान अथवा दिशा का बोध हो, उन्हें
स्थानवाचक अव्यय
शब्द कहते हैं।
जैसे यहाँ, वहाँ, कहाँ, ऊपर, नीचे बाहर, अन्दर, इधर, उधर, पूर्व
दिशा इत्यादि।
उदाहरण-
1. मीना को इधर बुलाओ।
2. तुम बाहर
चले जाओ।
3. मेरा घर तुम्हारे घर के पूर्व दिशा में है।
4. बच्चे उधर खेल रहे हैं।
परिमाणवाचक
क्रियाविशेषण-
जिन
अव्यय शब्दों से माप-तौल, अथवा
किसी वस्तु अथवा स्थान के परिमाण का बोध हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे- कम, ज्यादा, अधिक, उतना, जितना, बस, उतना, कितना, बिल्कुल इत्यादि।
उदाहरण-
1. कम झूठ बोलो।
2. हमें
ज्यादा फल तथा सब्जियाँ खानी चाहिए।
3. उसने पेपर कम समय में
कर लिया।
4. वह अधिक
बोलता है।
रीतिवाचक
क्रिया-
जिन
अविकारी शब्दों से क्रिया के घटित होने की रीति एवं विधि का बोध हो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे-कैसे, ऐसे, वैसे, सच, झूठ, नहीं, धीरे-धीरे, यथार्थ, संभवतः, फटाफट, चुपचाप, अचानक इत्यादि।
उदाहरण-
1. जल्दी-जल्दी काम करो। 2. उसके फल हाथों-हाथ बिक गये।
3. वह अचानक ही आ गया। 4. ध्यानपूर्वक पढ़ो।
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